प्रधान संपादक : व्यक्तित्व विवरण

उमाशंकर मिश्र

संस्थापक - कमल दर्पण
नाम:
उमाशंकर मिश्र
पिता का नाम:
स्व. विशेश्वर दयाल मिश्र
पता:
होटल दीपशिखा, मेला रोड, लखीमपुर खीरी 262701 ( उ०प्र०)
जन्मतिथि:
23 अगस्त 1958
मो.नं.:
ईमेल:
नि. वर्तमान पद दायित्व:
  1. जिला उपाध्यक्ष (भारतीय जनता पार्टी)
  2. जिलाध्यक्ष (भारतीय मनवाधिकार एसोसिएशन) वर्ष 1999 से 2002 तक भारतीय जनात पार्टी (पंचायत प्रकोष्ठ ) जिलाध्यक्ष
  3. मेरा परिवार भाजपा परिवार जिला संयोजक
  4. पद यात्रा जिला संयोजक
संघ आयु:
30 वर्ष
राजनीतिक क्रियाकलाप:
  1. विधानसभा चुनाव वर्ष 2022 में हरदोई विधान सभा के सवायजपुर के प्रभारी।
  2. विधानसभा चुनाव 2017 में पार्टी द्वारा घोषित सभी प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार व प्रसार किया।
  3. जिला खीरी की कस्ता विधान सभा के विधान सभा प्रभारी
सामाजिक कार्य:
  1. सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के बारे में जागरूकता निमित्त अनेक कार्यक्रमों का वृहद स्तर पर माननीय राज्य सूचना आयुक्त महोदयों सहित अन्य विशेषज्ञों की सहभागिता व उपस्थित सहित आयोजन।
  2. काशीनाथ महादेव वेद विद्यालय की स्थापना व धार्मिक कार्यों में सहभागिता करना।
विशिष्ट कार्य:
  1. भारतीय जनता पार्टी लखीमपुर के प्रथम जिलाध्यक्ष स्व. जय शंकर बाजपेई जी की स्मृति में "स्मृति जय स्मारिका का प्रकाशन कराया, जिसका विमोचन निवर्तमान प्रदेश महामंत्री संगठन वर्तमान में राष्ट्रीय महा सचिव माननीय श्री सुनील बंसल जी के कर कमलों द्वारा कराया गया था। जिसमें बूथ स्तर तक के सभी कार्यकर्ताओं का फोटो नाम मो.नं व पता प्रकाशित किया गया है।
  2. वर्तमान में पुन: भारतीय जनता पार्टी उ0प्र0 के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्मृति शेष राजेन्द्र गुप्ता जी की स्मृति में "कमल दर्पण' स्मारिका का प्रकाशन किया जा रहा है, जिसमें पूर्व स्मारिका की भाँति बूथ स्तर तक के सभी कार्यकर्ताओं का फोटो, नाम, मो नं व पता प्रकाशित किया गया है।
प्रतिष्ठान:
होटल दीपशिखा, शिव शाक्ति मैरिज हॉल
स्थान:
लखीमपुर-खीरी

  • ई-मेल

    kamaldarpanbjp@gmail.com

  • मोबाइल नंबर

    +91- 9838092894

प्रमुख दिवस

श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक भारतीय राजनीतिज्ञ, बैरिस्टर और शिक्षाविद थे, जिन्होंने जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में भारत के पहले उद्योग और आपूर्ति मंत्री (वर्तमान में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के रूप में जाना जाता है) के रूप में कार्य किया। नेहरू के साथ अनबन के बाद, लियाकत-नेहरू समझौते का विरोध करते हुए, मुखर्जी ने नेहरू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मदद से, उन्होंने 1951 में भारतीय जनता पार्टी के पूर्ववर्ती, भारतीय जनसंघ की स्थापना की। वह 1943 से 1946 तक अखिल भारतीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष भी रहे। 1953 में जब उन्होंने राज्य की सीमा पार करने की कोशिश की तो उन्हें जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उन्हें अस्थायी रूप से दिल का दौरा पड़ने का पता चला और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन एक दिन बाद उनकी मृत्यु हो गई। चूँकि भारतीय जनता पार्टी, भारतीय जनसंघ की उत्तराधिकारी है, मुखर्जी को इसके सदस्यों द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का संस्थापक भी माना जाता है।

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

जन संघ के स्थापना अध्यक्ष

जन्मदिन- 6 जुलाई 1901, बलिदान दिवस- 23 जून 1953

पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितम्बर 1916 को मथुरा जिले के "नगला चन्द्रभान" ग्राम में हुआ था। उनके पिता का नाम भगवती प्रसाद उपाध्याय था, जो नगला चंद्रभान (फरह, मथुरा) के निवासी थे। उनकी माता का नाम रामप्यारी था, जो धार्मिक प्रवृत्ति की थीं। पिता रेलवे में जलेसर रोड स्टेशन के सहायक स्टेशन मास्टर थे। रेल की नौकरी होने के कारण उनके पिता का अधिक समय बाहर ही बीतता था। कभी-कभी छुट्टी मिलने पर ही घर आते थे। पण्डित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चिन्तक और संगठनकर्ता थे। वे भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्म मानववाद नामक विचारधारा दी। वे एक समावेशित विचारधारा के समर्थक थे जो एक मजबूत और सशक्त भारत चाहते थे। राजनीति के अतिरिक्त साहित्य में भी उनकी गहरी अभिरुचि थी। उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में कई लेख लिखे, जो विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए।

पण्डित दीनदयाल उपाध्याय

संघ के प्रचारक जनसंघ स्थापना के महामन्त्री

जन्मदिन- 25 सितम्बर 1916, बलिदान दिवस- 11 फरवरी 1968

भीमराव रामजी आम्बेडकर ( डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर ) नाम से लोकप्रिय, भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मन्त्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। आम्बेडकर विपुल प्रतिभा के छात्र थे। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्राप्त कीं तथा विधि, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में शोध कार्य भी किये थे। इसके बाद आम्बेडकर भारत की स्वतंत्रता के लिए प्रचार और चर्चाओं में शामिल हो गए और पत्रिकाओं को प्रकाशित करने, राजनीतिक अधिकारों की वकालत करने और दलितों के लिए सामाजिक स्वतंत्रता की वकालत की और भारत के निर्माण में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।

भीमराव रामजी आम्बेडकर

संविधान सभा के अध्यक्ष

जन्मदिन- 14 अप्रैल 1891, बलिदान दिवस- 6 दिसंबर, 1951

अटल बिहारी वाजपेयी भारत के तीन बार के प्रधानमन्त्री थे। वे पहले 16 मई से 1 जून 1996 तक, तथा फिर 1998 में और फिर 19 मार्च 1999 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमन्त्री रहे। वे हिन्दी कवि, पत्रकार व एक प्रखर वक्ता थे। वे भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में एक थे, और 1968 से 1973 तक उसके अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने लम्बे समय तक राष्‍ट्रधर्म, पाञ्चजन्य (पत्र) और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। वह चार दशकों से भारतीय संसद के सदस्य थे, लोकसभा, निचले सदन, दस बार, और दो बार राज्य सभा, ऊपरी सदन में चुने गए थे। उन्होंने लखनऊ के लिए संसद सदस्य के रूप में कार्य किया, 2009 तक उत्तर प्रदेश जब स्वास्थ्य सम्बन्धी चिन्ताओं के कारण सक्रिय राजनीति से सेवानिवृत्त हुए। अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ करने वाले वाजपेयी राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबन्धन (राजग) सरकार के पहले प्रधानमन्त्री थे, जिन्होंने गैर काँग्रेसी प्रधानमन्त्री पद के 5 वर्ष बिना किसी समस्या के पूरे किए।

अटल बिहारी वाजपेयी

भाजपा के प्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष

जन्मदिन- 25 दिसम्बर 1924, बलिदान दिवस- 16 अगस्त 2018

6 अप्रैल 1980 को भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना हुई जब श्री अटल बिहारी वाजपेयी नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा) की स्थापना हुई। इससे पहले, जनता पार्टी के अंग में आने वाले विभिन्न विचारधाराओं के नेताओं ने मिलकर एक मजबूत गठबंधन बनाने का निर्णय लिया था। भारतीय जनता पार्टी का उद्दीपन हिन्दू राष्ट्रवाद, सामाजिक न्याय, और राष्ट्रीय एकता की बुनियाद पर है। यह राष्ट्रीय नेतृत्व, विकास और सुरक्षा के मामलों में अपनी सख्त नीतियों के लिए पहचाना जाता है। भारतीय जनता पार्टी का गठन एक नए राजनीतिक युग की शुरुआत को दर्शाता है, जिसने भारतीय राजनीति को नए आयाम और दिशाएँ प्रदान की हैं। यह एक सशक्त और विकसीत भारत की ऊँचाइयों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसने देश को सुशासन और समर्थन की दिशा में बढ़ने में मदद की।

6 अप्रैल भारती जनता पार्टी स्थापना

6 अप्रैल: भारतीय जनता पार्टी की स्थापना, नया राजनीतिक दौर आरंभ।

हमारी पंच निष्ठाएं

राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय एकात्मता

राष्ट्रवाद एक आत्मविश्वास है, जबकि राष्ट्रीय एकात्मता से होता है समृद्धि। इसमें विशेषता, समरसता और सामंजस्य बसी होती है, जो राष्ट्र का विकास सुनिश्चित करती है।

लोकतंत्र

लोकतंत्र एक शक्तिशाली और जनता-निर्मित राजनीतिक प्रणाली है, जहाँ नागरिकों को सशक्त बनाया जाता है, स्वतंत्रता और सामाजिक न्याय का सार्थक अनुभव होता है।

गांधीवादी दृष्टिकोण पर आधारित समतामूलक समाज की स्थापना

गांधीवादी दृष्टिकोण पर आधारित समतामूलक समाज उत्थान की दिशा में है, जो आत्मनिर्भरता, अहिंसा, और सर्वोदय के सिद्धांतों पर आधारित है।

सकारात्मक पंथ-निरपेक्षता एवं सर्वपंथसमभाव

सकारात्मक पंथ-निरपेक्षता और सर्वपंथसमभाव का अनुभव करना हमें एक सद्भावपूर्ण समाज की दिशा में अग्रसर करता है, जो सभी धर्मों का सम्मान करता है।

मूल्य आधारित राजनीति

मूल्य आधारित राजनीति समृद्धि, सामरिकता और न्याय को मूल धाराओं पर निर्माण करती है। इसका केंद्रीय सिद्धांत है नैतिकता और सामाजिक न्याय।

हमारे पदचिह्न

  • 2

    लोकसभा सीट

  • 8

    विधानसभा सीट

  • 33

    मंडल

  • 5000

    पंजीकृत सदस्य

लखीमपुर खीरी